विश्वविद्यालय के खिलाफ एन.एस.यू.आई का उग्र प्रदर्शन
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई जिला अध्यक्ष पंकज उपाध्याय के नेतृत्व में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में उग्र प्रदर्शन कर दी चेतावनी
रीवा, 23 जून 2025। जारी प्रेस विज्ञप्ति में जिलाध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने बताया कि एपीएस विश्वविद्यालय परीक्षाओं के नाम पर धांधली व परीक्षा परिणाम सुधारने के नाम पर छात्रों से पैसा वसूलना,संबल मेधावी के अंतर्गत पढ़ने वाले छात्र छात्राओं से जबरदस्ती फीस लेना व बाद में वापसी के नाम पर 3/3 वर्षों तक ठगना विगत तीन वर्षों से रुकी हुई स्कॉलरशिप देने,विगत दिनों एलएलबी पाँचमें सेमेस्टर हुए पेपर लीक पर कोई कार्यवाही नहीं हुई विगत दिनों खिलाड़ियों को नेशनल गेम खेलने से रोका गया व बजट का बहाना बताया गया जबकि कुलपति महोदय को जूम मीटिंग लेने के लिए आई फोन व आईफोन का सिस्टम तक लग गया परंतु छात्रों को खेलने के लिए बजट क्यों नहीं आया कोई भी प्रोफेसर प्रे कक्षाएं लेने क्यों नहीं जाते आखिर यह 200000 की पेमेंट क्यों लेते हैं? विश्वविद्यालय परीक्षा परिणाम स्वयं घोषित करती थी परन्तु अब कुछ वर्षों से कुछ आउट सोर्स भोपाल एजेंसी को कॉपी जांचने व रिजल्ट घोषित करने का काम क्यों दिया है जबकि हमारे पास सिस्टम भी है। और हमारे पास उसके लिए कर्मचारी भी है। तो 2-2 जगह पैसा क्यों बर्बाद कर रही है विश्वविद्यालय ओपन टेंडर की प्रक्रिया बंद कर दी गई क्योंकि पैसे लेकर अपने करीबियों को टेंडर देना होगा हॉस्टल में दीवाल में करंट आता है। साथ में जब कोई जिले से खिलाड़ी खेलने आते हैं तो उन्हें हॉस्टल में ही रुकवाया जाता है जबकि उसके लिए विश्वविद्यालय मध्य से पैसे निकाले जाते हैं परन्तु खिलाड़ियों को सुविधा नहीं दी जाती हॉस्टल में ही रुकवाया जाता तो पैसा कौन खा रहा है आखिरकार यह पैसा किस किसके पास जा रहा है यह विश्वविद्यालय 10 जिलों के महाविद्यालयों से जुड़ी हुई है। तो एक हेल्प लाइन नंबर व नियमित हेल्प डिस्क सेंटर क्यों नहीं बनाया जाता ताकि छात्र छात्राएं आए दिन दूसरे जिलों से यह भटकने न आए। परीक्षा परिणाम लगातार देरी से क्यों जारी किए जाते हैं जो कोर्स एक साल में पूरा होना चाहिए? वह दो साल में पूरा हो रहा है ऐसा क्यों , यहां तक कि छात्र छात्राओं की उत्तर पुस्तिका तक गायब हो जाती है, नई शिक्षा नीति पर विश्वविद्यालय ने रिवोल्यूशन वह दुबारा कॉपी जाच की प्रक्रिया क्यों बंद कर दी गई, परीक्षा परिणाम में आए दिन गड़बड़ी हो रही है जो छात्र पेपर दे रहे हैं वो फेल हो रहे हैं और जो पेपर नहीं दे रहे हैं वो पास हो रहे हैं कुछ बाबू यहां 20 से 30 वर्षों से जमे हुए उन्हें बदला क्यों नहीं जा रहा, यहां के कई सारे शिक्षक आरएसएस की शाखाएँ वह एबीवीपी के पदाधिकारी बनकर बैठें शिक्षा के मंदिर पर यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, यहां परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं और विश्वविद्यालय में परीक्षा फार्म अभी तक भरना चालू। इस सेमेस्टर की परीक्षाएँ स्टांप के नाम पर दी जा रही है। किसी का परीक्षा फार्म नहीं भरा गया क्योंकि परीक्षा परिणाम घोषित ही नहीं हुआ समय से, जब तक पिछला सेमेस्टर क्लियर नहीं होता तो अगले सेमेस्टर में नियम ही नहीं तो विश्वविद्यालय।यह नियम अलग से कैसे लेकर आता है।। उ.मक,ठ.मक व ठच.मक,डच.मक कोर्सों की रद्द मान्यता को वापस दिलाने,यहां के शिक्षक 80 परसेंट से ज्यादा नियमित नहीं हैं ऐसा क्यों, पूर्व में जो पूरक परीक्षाएं हुई हैं उनकी परीक्षा परिणाम जल्द से जल्द जारी किए जाएं। ताकि छात्र छात्राएं अगले सेमेस्टर में प्रवेश ले सकें, इसी प्रकार एल्बी 5जी सेमेस्टर वह बीएलएसवी 9जी सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया गया जबकि इसे प्रथम चरण में ही घोषित कर देना चाहिए। अब दो वर्षों से छात्र एडमिशन से वंचित है, छात्रों से प्रवेश के समय कंप्यूटर में वह लाइब्रेरी के नाम पर फीस। तो ली जाती है। परंतु वहां हमेशा काला ही लटका मिलता है ऐसा क्यों, विश्वविद्यालय प्रशासन से संबंधित सभी जानकारियों को आरटीआई के दायरे में लाया जाए,छात्र छात्राओं की समस्याओं का निराकरण 7 दिन के अन्दर करना चाहिए, पुनर्मूल्यांकन का अधिकार पुनः चालू करना चाहिए,व अन्य इन्हीं सभी विषयों को लेकर विश्वविद्यालय मैं कई बार ज्ञापन दे चुका हूँ लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ।इसीलिए यह उग्र प्रदर्शन करना पड़ा।